Sehore. लापता तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर(Tehsildar Narendra Thakur) के शव को खोजने का काम गुरुवार को भी जारी है। तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर का शव खोजने एनडीआरएफ की 30 सदस्यों की टीम रायसेन से सीहोर आ रही है। कलेक्टर चंद्र मोहन ठाकुर(Collector Chandra Mohan Thakur) ने जानकारी दी कि तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर की बॉडी खोजने एनडीआरएफ़ की 30 सदस्यों की टीम रायसेन से सीहोर भेजी जा रही है। गत 15 अगस्त की रात को तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर एवं पटवारी महेंद्र रजक कार से सीहोर स्थित सीवन नदी का पुल पार कर रहे थे। उस समय पुल के ऊपर पानी बहाव तेज होने के कारण कार नदी में बह गई थी। पटवारी रजक की डेड बॉडी 17 अगस्त 2022 को सीहोर से 3 किलोमीटर दूर ग्राम छापरी के पास मिल गई थी। तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर की डेड बॉडी अभी तक नहीं मिल पाई है। एसडीआरएफ की टीम विगत 2 दिनों से सर्च कर रही है। तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर शाजापुर जिले में पदस्थ थे।
15 अगस्त को बह गए थे
15 अगस्त को पटवारी के साथ नदी में बहे तहसीलदार नरेंद्र सिंह ठाकुर का अब तक पता नहीं चल सका। पटवारी का शव बुधवार को सीहोर की सीवन नदी के करबला पुल से करीब 12 किमी दूर छापरी के पास मिला। सीवन नदी पर टीम घटनास्थल से करीब 25 किमी तक सर्चिंग कर चुकी है। तहसीलदार की तलाश 150 अधिकारी-कर्मचारियों की चार टीमें कर रही हैं। 15 अगस्त की शाम तहसीलदार नरेंद्र सिंह ठाकुर (45), पटवारी महेंद्र सिंह रजक (33), महेंद्र शर्मा और राहुल आर्य ने दोस्त तरुण सिंह के फॉर्म हाउस में पार्टी करने का प्लान बनाया था। पार्टी के बाद वे रात में पटवारी की कार से घर के लिए निकले। भारी बारिश के चलते नदी उफान पर थी। करबला पुल डूबा हुआ था। सर्चिंग में लगी टीम का कहना है कि संभवत: तेज बहाव में उन्होंने कार ब्रिज पर से निकालने की कोशिश की और गाड़ी समेत दोनों बह गए। घरवाले अगले दिन यानी मंगलवार दोपहर तक उनके आने का इंतजार करते रहे। पटवारी रजक परिवार के साथ सीहोर की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहते थे। उनकी पोस्टिंग नसरुल्लागंज में थी। पटवारी की 6 साल की बेटी और 6 महीने का बेटा है। तहसीलदार नरेंद्र सिंह ठाकुर शुगर फैक्ट्री चौराहे के पास रहते हैं। वे शाजापुर के मोहन बड़ोदिया में पदस्थ हैं। 15 अगस्त की छुट्टी के कारण घर आए हुए थे। उनका पूरा परिवार सीहोर में रहता है।